Sunday, July 18, 2021

क्या हिंदुस्तान में इस्लाम तलवार के बल पर फैला? एक बड़े झूठ का खुलासा

 हम २१ सेंचुरी मैं हैं और साल २०२१ चल रहा है। 

उत्तर प्रदेश में पुलिस धर्मान्तरण के केस में मुस्लिम नागरिकों को पकड़ के जेल मैं बंद कर रही है। ये धर्मान्तरण तब हो रहा है जब केंद्र में हिन्दू हिर्दय सम्राट नरेंद्र मोदी का शाशन है और प्रदेश में ठीक उसी तरह के मुख्य मंत्री श्री संजय बिष्ट उर्फ़ योगी हैं। 

पिछले १०० सालों से जनता को मुर्ख बनाया जाता रहा की मुग़लों ने अपने शाशन काल में तलवार के नोक पर हिंदुस्तान में इस्लाम फैलाया और जबरन हिन्दुओं का धर्मांतरण करवाया। 

अगर मुग़लों के खिलाफ गढ़ी हुयी कहानी क़ो सही मान भी लें तो आज जब २१ सताब्दी में हिन्दू और हिंदुत्व के ब्रांड अम्बेसेडर मोदी और योगी के काल में धर्मांतरण क्योँ हो रहा है? आईये कुछ सोंचते हैं और सवाल करते हैं;

1. आज जब मुस्लमान खुद एक पिछड़ा हुआ वर्ग है और वह सत्ता में भी नहीं है तो धर्मान्तरण क्यों हो रहा है ?

2.  जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और संघ के द्वारा संचालित है तो धर्मान्तरण क्यों हो रहा है ?

इन सब बातों की जो भी कारण हो लेकिन एक बात पक्का है की मुग़लों के काल में धर्मान्तरण तलवार के नोक पर हुआ, यह एक झूठ के सिवा कुछ भी नहीं हैं। इस बात क़ो फैला करके झूठ फैलाया गया, आज के मुसलमानो के खिलाफ नफरत की बीज बोई गयी और जनता का मुर्ख बना कर सत्ता हासिल किया गया! अगर तलवार के नोक पर इस्लाम फैला होता तो आज नरेंद्र मोदी के युग में नहीं फैलता। 

पुलिस अपने राजनितिक आका के कहने पर काम करती है और मीडिया आज गोदी में बैठी हुयी है राजनितिक दल के। अब गोदी मीडिया ऐसे हेडिंग्स लगाती है जैसे धर्मान्तरण कोई गुनाह हो और संविधान जैसे धर्म चुनने की आज़ादी नहीं देता हो। देखिये गोदी में बैठी हुयी मीडिया ने कैसे खबर छापा है, गैंग और रैकेट जैसे शब्दों क़ो प्रयोग करके बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। हालाँकि कोई भी धर्मान्तरण तलवार के नोक पर नहीं हो रहा है। 



जबकि हकीकत ये है की उत्तर प्रदेश की ही महिला ने हाई कोर्ट में याचिका दायर किया है की उसने अपना धर्मान्तरण अपने मर्ज़ी से किया है लेकिन सरकार और सरकार की पुलिस जबरन उसके मौलिक अधिकारों का हनन कर रही है। उस महिला ने ये माना है की उस पर कोई ज़बरदस्ती नहीं किया गया और तलवार की नोक भूल जाईये किसी ने तलवार का ज़िक्र भी नहीं किया। 



धर्मांतरण हर नागरिक की व्यक्तिगत आज़ादी है और मौलिक अधिकार है, इसका अधिकार का  दमन सरकार नहीं कर सकती है।