टीपू सुलतान का जन्म 20 नवम्बर 1750 को कर्नाटक के देवनाहल्ली (यूसुफ़ाबाद) (बंगलौर से लगभग 33 (21 मील) किमी उत्तर) मे हुआ था। उनका पूरा नाम सुल्तान फतेह अली खान शाहाब था। उनके पिता का नाम हैदर अली और माता का नाम फ़क़रुन्निसा था।
उनके पिता हैदर अली मैसूर साम्राज्य के सैनापति थे जो अपनी ताकत से 1761 में मैसूर साम्राज्य के शासक बने। टीपू को मैसूर के शेर के रूप में जाना जाता है। योग्य शासक के अलावा टीपू एक विद्वान, कुशल़॰य़ोग़य सैनापति और कवि भी थे। टीपूसुल्तान को एक तरह से दक्षिण भारत का अंबेडकर भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने अपने शासनकाल में दलितों, पिछड़ों को उनके सामाजिक अधिकार दिलाया तथा अगड़ो द्वारा हो रहे अत्याचार से मुक्त कराया तथा उन्हें जीने का एक मकसद दिया टीपू सुल्तान महिला सशक्तिकरण के पक्षधर थे उनके शासनकाल में महिलाओं का सम्मान स्थान था!
आज के भारत में जब दक्षिण पंथी संघ की सखायें मजबूत हो गयीं हैं तो टीपू सुलतान का चरित्रहरण किया जा रहा है। और हमको झूठे झूठे पत्रिका और संरचना के द्वारा हमें बताया जा रहा है कि टीपू सुलतान बहुत ज़ालिम बादशाह थेI बहुत सारी मंदिर तुड़वाये!
ये बात सही भी हो सकती है की कोई भी राजा अपने शासन के हिसाब से मंदिर या मस्जिद को तुड़वाता रहा है और बहुत सारे हिन्दू राजाओं ने मंदिर तुड़वाये!
ये भी इतिहास है कि मुस्लिम राजाओं ने मंदिर का निर्माण भी किया लेकिन इस पर कोई बहस या टेलीविज़न पर डिबेट नहीं होता कि कहीं हिन्दू मुस्लिम में आपस में प्यार ना हो जाये!
किसी मुसलमान शासक ने अगर कोई गलत काम किया तो हम उसकी कोई सराहना नहीं करते हैं! आज २० नवंबर को टीपू सुल्तान का जन्म दिन मनाया गया और ट्विटर पर लोगों ने क्या कहा, आईये पढ़ते हैं;
चंद्र शेखर आज़ाद रावण जो सामाजिक कार्यकर्ता और भीम आर्मी के संस्थापक हैं, लिखते हैं;
प्रकाश आंबेडकर जो सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ हैं, लिखते हैं
अशोक स्वैन, प्रोफेसर हैं और स्वीडन के विश्वविद्यालय में पढ़ते हैं, इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका का हवाला देते हुए लिखते हैं "टीपू सुल्तान एक अच्छे फौजी जनरल और एडमिनिस्ट्रेटर थे! हालांकि वो मुस्लमान थे लेकिन उन्होंने अपने हिन्दू प्रजा का दिल जीत लिया था "
दलित वौइस् नाम के एक यूजर टीपू सुल्तान के बारे में लिखते हैं,
उनके पिता हैदर अली मैसूर साम्राज्य के सैनापति थे जो अपनी ताकत से 1761 में मैसूर साम्राज्य के शासक बने। टीपू को मैसूर के शेर के रूप में जाना जाता है। योग्य शासक के अलावा टीपू एक विद्वान, कुशल़॰य़ोग़य सैनापति और कवि भी थे। टीपूसुल्तान को एक तरह से दक्षिण भारत का अंबेडकर भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने अपने शासनकाल में दलितों, पिछड़ों को उनके सामाजिक अधिकार दिलाया तथा अगड़ो द्वारा हो रहे अत्याचार से मुक्त कराया तथा उन्हें जीने का एक मकसद दिया टीपू सुल्तान महिला सशक्तिकरण के पक्षधर थे उनके शासनकाल में महिलाओं का सम्मान स्थान था!
आज के भारत में जब दक्षिण पंथी संघ की सखायें मजबूत हो गयीं हैं तो टीपू सुलतान का चरित्रहरण किया जा रहा है। और हमको झूठे झूठे पत्रिका और संरचना के द्वारा हमें बताया जा रहा है कि टीपू सुलतान बहुत ज़ालिम बादशाह थेI बहुत सारी मंदिर तुड़वाये!
ये बात सही भी हो सकती है की कोई भी राजा अपने शासन के हिसाब से मंदिर या मस्जिद को तुड़वाता रहा है और बहुत सारे हिन्दू राजाओं ने मंदिर तुड़वाये!
ये भी इतिहास है कि मुस्लिम राजाओं ने मंदिर का निर्माण भी किया लेकिन इस पर कोई बहस या टेलीविज़न पर डिबेट नहीं होता कि कहीं हिन्दू मुस्लिम में आपस में प्यार ना हो जाये!
किसी मुसलमान शासक ने अगर कोई गलत काम किया तो हम उसकी कोई सराहना नहीं करते हैं! आज २० नवंबर को टीपू सुल्तान का जन्म दिन मनाया गया और ट्विटर पर लोगों ने क्या कहा, आईये पढ़ते हैं;
चंद्र शेखर आज़ाद रावण जो सामाजिक कार्यकर्ता और भीम आर्मी के संस्थापक हैं, लिखते हैं;
प्रकाश आंबेडकर जो सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ हैं, लिखते हैं
अशोक स्वैन, प्रोफेसर हैं और स्वीडन के विश्वविद्यालय में पढ़ते हैं, इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका का हवाला देते हुए लिखते हैं "टीपू सुल्तान एक अच्छे फौजी जनरल और एडमिनिस्ट्रेटर थे! हालांकि वो मुस्लमान थे लेकिन उन्होंने अपने हिन्दू प्रजा का दिल जीत लिया था "
दलित वौइस् नाम के एक यूजर टीपू सुल्तान के बारे में लिखते हैं,
आम आवाज़ नाम के एक यूजर टीपू सुल्तान के हवाले से लिखते हैं,
वहीँ सेकुलरिज्म भूतिया नाम के एक यूजर हैं वो आगाह करते हैं और साथ में धमकी भी देते हैं की तुम मीम समर्थक नहीं बनो और बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के बिच में *राम जी* लगा के हमारे महाँन बहुजन नायक और संविधान दाता बाबा साहेब को वैसे ही छीनने की कोशिश किया है जैसे भाजपा ने राम मंदिर को कांग्रेस से छीन लिया हो, लिखते हैं;
एक महिला यूजर सोनम सिंह हैं, टीपू सुल्तान के बारे में लिखती हैं;
लीलन गहलौत अँगरेज़ इतिहासकारों का हवाला देते हुए लिखते हैं;
ए बौद्ध साहेब सवाल करते हुए पूछते हैं कि जब गुलाम बनाया जा रहा था तो सत्ता कि बागडोर किसके हाँथ में थी, ज़िम्मेदारी तो उसकी भी बनती है और एक तरफ़ा बदनाम करने कि साजिश को खोलते हुए लिखते हैं;
कुछ और भी यूजर ने ज़बरदस्त लिखा जैसे कि डॉक्टर सुनील कुमार मीणा और धीरज माहेश्वरी साहेब ने;
कोई भी समाज अगर वो ज़िंदा है तो अपने बहादुर योद्धा को ज़रूर याद करता है, वो अपने योद्धा की धर्म या जात नहीं देखता है! ठीक वैसे ही हम लोगों को भारत के एक महान राजा और सपूत टीपू सुल्तान जैसे बहादुर सपूत को नहीं भूलना चाहिए जिसने सारी दुनिया को मिसाइल टेक्नोलॉजी दिया और अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ाई में ४० साल तक भारत के उस हिस्से पर कब्ज़ा नहीं होने दिया और लड़ते लड़ते क़ुर्बान हो गया!
जो माफीनामा लिखते हैं और अंग्रेज़ों से माफ़ी के बदले हिन्दुस्तानियों के खिलाफ मुखबरी करते हैं, वैसे लोग या उनके मानने वाले योद्धायोन की विरासत को क्या समझेंगे? वो बस हम आपको बाँट कर और नफरत फैला कर सीर्फ सियासत करना चाहते हैं!
भारत माँ के सच्चे सपूत टीपू सुलतान को उनके जन्म दिन पर भावभीनी श्रद्धांजलि!
(R: Wiki)
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