Saturday, May 12, 2018

दंगा में जान नही, दुकान बचाईए..!

भाजपा और आर. एस. एस. का एक बड़ा अजेंडा है की दलितों को मुसलमानो को सबसे पहले आर्थिक तौर पर तोड़ दो और इनको गुलाम बना दो. इस मनोविज्ञान के लोग पहले ही दलितों को हिंदू बताते हुए उनके साथ ना-इंसाफी किया और इनके बहू बेटिओं के साथ रेप जैसी घटना आम बात हो जैसे. उन्नाओ का रेप केस, रोहित बेमुला का हत्या, कठुआ गॅंग रेप, नजीब का लापता होना और पोलीस का कुछ नही करना, ये सब एक ही बात को दर्शाता है की एक खास तबका सत्ता पर क़ाबिज़ कैसे रहे और दलितों / मुसलमानो और महिलाओं के साथ दुराचार होता रहे, ये इस बात को नॉर्मल बनाते जा रहे हैं! हमें इस दुराचार, अत्याचार के खिलाफ उठ खड़ा हो है! किसी भी दंगा में दुकान जलना इनके चरित्र का हिस्सा बन गया है की तुम भीख माँगने पर मजबूर हो जाओ और ये तुम्हें दुत्कार्ते रहें

2002 में गुजरात के मुस्लिम विरोधी दंगा में इन्हों ने दुकान जलाया. यही काम 2018 के रानीगंज बंगाल मे हुआ. राम नौमी के बिहार दंगा में भी मुसलमानो के दुकान जलाए गये, और यही काम आज कल के औरंगाबाद दंगा में हुआ, दंगा करने वालों ने वहाँ भी दुकान जलाया (1000 Crore ka Nuksan).

कभी आपने सोन्चा है कि आपके दुकान क्यों जलाए जाते हैं? इसके बावजूद के आप भारत के आर्थिक विकास में मदद कर रहे हैं, आप जी. एस. टी के साथ साथ दूसरे टॅक्स देते हैं, और ये भी देखा गया है की पोलीस दंगा करने वालों का साथ भी देती है, जबकि पोलीस हमारे टॅक्स के पैसे पर पलटी भी है लेकिन हमारी सुरक्षा नही करती, आख़िर क्यौन?

इसका हल है की आप सियासत समझें, दंगा में जान नही, दुकान बचाईए! एक जान अगर चली गयी और दुकान बच गया तो घर के बाकी लोग दुकान संभाल के अपनी ज़िंदगी चला सकते हैं अच्छे से, लेकिन अगर अगर आपने जान बचाया और दुकान जलने दिया तो सारी परिवार के लोग आपके साथ साथ भुखमरी और मजबूरी में जीना उनकी क़िस्मत बन जाएगी! दलितों को ज़बरदस्ती उनके पॅट्रिक काम में डाला गया है और दलित जब हिंदू भी हैं तो उनके साथ ये अगड़ी जाती के लोग को रहम दिली नही करते तो आप का विश्वास और मान्यतायें ही अलग हैं!

खुदा ने आज तक उस क़ौम की हालत नही बदली,
जिससे खुद फ़िक्र नही हो अपने आप बदलने का!

मैं तो कहता हूँ कि आप धर्म पर पक्का अमल करें लेकिन धर्म की हिफ़ाज़त नही करें! याद करें की अब्दुल मुताल्लिब ने अब्रहा से अपने उँट आपस माँगा था, इस पर अब्रहा परेशान हो गया और बोला की हम तो काबा को गिराने के लिए आए हैं, वो अब्दुल मुताल्लिब का जवाब कि उँट मेरा है इसलिए तुम मेरा उँट वापस कर दो, काबा अल्लाह का हैं तो वो उसकी हिफ़ाज़त कर लेगा! और फिर अबाबील ने हाथी वालो को भूसा बना दिया! धर्म अल्लाह का है तो वो बचा लेगा, लेकिन जान, माल हमारा है, और जब हम अल्लाह को दान कर देंगे तब अल्लाह का होगा! तब तक अपने मकान और दुकान की हिफ़ाज़त की ज़िम्मेदारी आपकी अपनी है नही की अल्लाह की.

ये एक पूरी की पूरी राजनैतिक मसला है लेकिन चोला धर्म की पहन कर आया है! अगर बात सिर्फ़ हिंदू हित की होती तो जड्ज लोया को क्यों मारते? गौरी लंकेश को क्यों मरते? प्रवीण तोगड़िया पर जान लेवा हमला क्यों करवाते? गुरमीत कौर को ट्रोल क्यौन करते? 

पूंजीवादी ताक़तें, धर्म का चोला पहन कर आपको परेशान कर रही हैं, लूट रही हैं, समाजवाद को तोड़ा जा रहा है, इस्लाम समाजवाद की सिख देता है और भाईचारा का.

हर ज़ुल्म के टक्कर, संघर्स हमारा नारा है!


भाजपा के अजेंडा के अनुकूल काम करता हुआ एक भाजपा का कार्यकर्ता, ये भूल गया है कि अब विकास की बात करनी चाहिए या नही!


2 comments:

  1. Additional Director General of Police Bipin Bihari, after reviewing the situation in the city, located in the Marathwada region, admitted that the police had failed to prevent and contain the spread of violence and to take action against the rioters.



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    //economictimes.indiatimes.com/articleshow/64170966.cms?utm_source=contentofinterest&utm_medium=text&utm_campaign=cppst

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  2. Police have ordered an investigation into the involvement of police personnel in the communal riots + that started in the city late on Friday night on the basis of a video that shows cops accompanying rioters who were torching vehicles and property.

    https://timesofindia.indiatimes.com/india/cops-walked-with-mob-in-aurangabad-shows-video/articleshow/64152487.cms

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