जनसत्ता (Jansatta) ने रिपोर्ट किया कि पाकिस्तान के द्वारा भेजी गयी या यूँ कहलें कि नरेंद्र मोदी जी की सरकार के द्वारा आयात का बढ़ावा देना खास तौर से पाकिस्तान के साथ अपने आप में महत्त्वपूर्ण है!
हालाँकि पाकिस्तानी चीनी के खिलाफ महाराष्ट्र में कई राजनीतिक पार्टियों ने मोर्चा खोल दिया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और एनसीपी कार्यकर्ताओं ने नवी मुंबई में पाकिस्तानी चीनी को तहस-नहस कर दिया। कई बोरियों को फाड़ कर उसमे रखी चीनी ज़मीन पर फेंक दी गईं। महाराष्ट्र की लगभग सभी पार्टियों ने पाकिस्तानी चीनी का विरोध किया है।
हम नरेन्द्रा मोदी जी के इस कदम का समर्थन करते हैं!
एक समय था जब यूरोपियन संघीय देश संघ बनने से पहले आपस में बहोत लड़ाईयां की हैं! जर्मनी, फ्रांस से लड़ा, ब्रिटैन से लड़ा और फिर दूसरे देश भी जो यूरोप के थे आपस में लड़ते रहे! हम सब लोगों को याद है कि पहला और दूसरा विश्व युद्ध यूरोप के देशों के कारण ही हुआ!
एउरोपियन्स ने आपस में लड़ कर ये समझ लिया कि युद्ध किसी समस्या का हल नहीं है! इसके बाद क्या था यूरोप के देशों ने सन्धि करना शुरू किया और एक महान संघीय ढांचा जनम हुआ जो यूरोपियन यूनियन कहलाया! आज यूरोपियन यूनियन के सारे देश एक दूसरे साथ बिज़नेस में एंगेज / संलिप्त हो गए! फिर क्या था यूरोप बदलने लगा और दुनिया का कोई भी आदमी एक बार यूरोप का सैर करना चाहता है!
ठीक उसी तरह हिंदुस्तान और पाकिस्तान को बॉर्डर कनफ्लिक्ट को जल्दी ख़त्म करके एक दूसरे के तरफ हाँथ बढ़ाना चाहिए। इससे बहुत सरे निम्नलिखित फायदे होंगे;
हालाँकि पाकिस्तानी चीनी के खिलाफ महाराष्ट्र में कई राजनीतिक पार्टियों ने मोर्चा खोल दिया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और एनसीपी कार्यकर्ताओं ने नवी मुंबई में पाकिस्तानी चीनी को तहस-नहस कर दिया। कई बोरियों को फाड़ कर उसमे रखी चीनी ज़मीन पर फेंक दी गईं। महाराष्ट्र की लगभग सभी पार्टियों ने पाकिस्तानी चीनी का विरोध किया है।
हम नरेन्द्रा मोदी जी के इस कदम का समर्थन करते हैं!
एक समय था जब यूरोपियन संघीय देश संघ बनने से पहले आपस में बहोत लड़ाईयां की हैं! जर्मनी, फ्रांस से लड़ा, ब्रिटैन से लड़ा और फिर दूसरे देश भी जो यूरोप के थे आपस में लड़ते रहे! हम सब लोगों को याद है कि पहला और दूसरा विश्व युद्ध यूरोप के देशों के कारण ही हुआ!
एउरोपियन्स ने आपस में लड़ कर ये समझ लिया कि युद्ध किसी समस्या का हल नहीं है! इसके बाद क्या था यूरोप के देशों ने सन्धि करना शुरू किया और एक महान संघीय ढांचा जनम हुआ जो यूरोपियन यूनियन कहलाया! आज यूरोपियन यूनियन के सारे देश एक दूसरे साथ बिज़नेस में एंगेज / संलिप्त हो गए! फिर क्या था यूरोप बदलने लगा और दुनिया का कोई भी आदमी एक बार यूरोप का सैर करना चाहता है!
ठीक उसी तरह हिंदुस्तान और पाकिस्तान को बॉर्डर कनफ्लिक्ट को जल्दी ख़त्म करके एक दूसरे के तरफ हाँथ बढ़ाना चाहिए। इससे बहुत सरे निम्नलिखित फायदे होंगे;
- आये दिन बॉर्डर पर दोनों देशों के जवान नहीं मरेंगे
- मिलिट्री पर होने वाला खर्च, सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे एजुकेशनल इंस्टीटूशन्स और हेल्थ केयर सिस्टम एस्टब्लिश होंगे
- दोनों देश लड़ेंगे तब हथियार पश्चिमी देशो खरीदना पड़ेगा तो फायदा पश्चिमी देशो को होगा!
- हिन्दुस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश की जन सँख्या करीब करीब पौने दो अरब की है, अगर ये तीनो देश आपस में मिल कर इकनोमिक कार्रीडोर बनाएं और अपने ही लोगों की ज़रूरतों को पूरा केर लें तो इनकी इकॉनमी खुद ही तरक्की करने लगेगी।
अभी कुछ दिन खबर आयी की नवाज़ शरीफ का निवेश इंडिया में है, किस सेक्टर में है ये मालुम नहीं हो पाया है. मोदी जी की सरकार पाकिस्तान सरकार के साथ काम कर रही है लेकिन ये बात खुल कर सामने नहीं आ रहा है!
हम मोदी जी से मांग करते हैं की बिज़नेस के साथ साथ बॉर्डर के मसले का शांति पूर्ण हल होना चाहिए! और इसके साथ ही हम आपके पाकिस्तान के साथ प्रीत मय कोशिशों की सराहना करते हैं!
आपके इस पहल से हमारे बिज़नेस मेन को यक़ीनन फायदा होगा! अब तो उत्तरी कोरिया और दक्षणी कोरिया भी मिल रहे हैं तो आपका ये पहल बहुत कारगर होगा!
धन्यवाद!
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